Patanjali Ads: भ्रामक विज्ञापनों पर स्वामी रामदेव-बालकृष्ण ने बिना शर्त माफी छपवाई, कोर्ट ने कहा- रिकॉर्ड में जमा करें
शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है.
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई. कंपनी के फाउंडर योग गुरु रामदेव और बालकृष्ण आचार्य की ओर से जानकारी दी गई कि उनकी ओर से बिना शर्त माफी मांगते हुए माफीनामा छपवाया है. विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी बालकृष्ण ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उन्होंने समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित कराया है. उनके वकील की ओर से कोर्ट में कहा गया कि उनकी ओर से हुई गलतियों की बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन जारी किया जाएगा.
उच्चतम न्यायालय ने रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी से अखबारों में प्रकाशित माफीनामे को दो दिनों के भीतर रिकॉर्ड में पेश करने को कहा है. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण के वकील से समाचार पत्रों में प्रकाशित माफीनामे की प्रति अदालत में फाइल करने का आदेश दिया है.
67 समाचारपत्रों में छपवाया माफीनामा
दोनों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने सोमवार को देश भर के 67 समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित कराया है. पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की.
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न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्ण को 16 अप्रैल को हिदायत दी थी कि वे ‘‘एलोपैथी को नीचा दिखाने’’ का कोई प्रयास नहीं करें. न्यायालय ने उन्हें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के मामले में एक सप्ताह के भीतर "सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और पछतावा प्रकट करने" की अनुमति दी थी. शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अभी उन्हें इस चरण में राहत नहीं देगी.
शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है.
01:14 PM IST